एक सच्ची कहानी — जो सिर्फ मेरी नहीं, लाखों औरतों की भी है।
बचपन की मासूमियत से लेकर जीवन की सबसे कठिन जिम्मेदारियों तक, एक लड़की से औरत बनने के बीच की तमाम तकलीफें, त्याग, अपमान, रिश्तों के छल — इस कहानी में वो सब कुछ है जो अक्सर औरतें जीती हैं, पर कह नहीं पातीं।
जया, एक आम लड़की, जिसकी ज़िंदगी में मां का साया बहुत जल्दी उठ गया। फिर सौतेली मां का भावहीन साथ, बेरोज़गार पति, ससुराल की उपेक्षा, और हर कदम पर समाज से मिले सवाल... लेकिन जया रुकी नहीं। वो लड़ी — अपने बच्चों के लिए, अपने आत्मसम्मान के लिए, और एक बेहतर जीवन के लिए।
अगर आपने कभी अकेले अपने दम पर ज़िंदगी से लड़ाई लड़ी है — तो यह कहानी आपके दिल को छू जाएगी।
"यह सिर्फ एक किताब नहीं, एक एहसास है — हर उस महिला के लिए जो चुपचाप सहती रही, लेकिन टूटती नहीं।"
✅ This book is for you if:
You value raw, real-life stories of women’s strength
You’ve ever felt unheard, unseen, or unsupported
You want to read something that heals, inspires, and empowers